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रक्षा मंत्रालय ने 19 मार्च 2021 को भारत डायनामिक्स लिमिटेड के साथ 4,960 मिलान-2टी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल की सप्लाई को लेकर एक सौदे पर हस्ताक्षर किए. भारतीय सेना की मारक क्षमता में भारी वृद्धि होने जा रही है. मंत्रालय की तरफ से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार 19 मार्च 2021 को उन्होंने भारत डायनेमिक लिमिटेड (BDL) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया.
ये एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल भारतीय सेना कौ सौंपी जाएगी. इन गाइडेड मिसाइलों की कीमत 1,188 करोड़ रुपये है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मिलान-2 टी का उत्पादन बीडीएल द्वारा फ्रांस की एक रक्षा फर्म से लाइसेंस के तहत किया जाता है. 2टी एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें मिलने से सेना की जरूरत काफी हद तक पूरी हो जाएगी. इनकी रेंज दो किलोमीटर से कुछ ज्यादा है.
मिलान-2टी एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल
• मिलान-2टी (MILAN-2T) एक आदमी पोर्टेबल (इन्फैंट्री) दूसरी पीढ़ी का एटीजीएम है, जो विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच, चलते और स्थिर लक्ष्यों के साथ लगे युद्धक टैंक को नष्ट कर सकता है.
• यह सौदा मोदी सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को और बढ़ावा देगा. यह अनुबंध ‘रिपीट ऑर्डर’ है, जिसे 08 मार्च, 2016 को भारत डायनेमिक्स लिमिटेड के साथ अनुबंधित किया गया था.
• मिलान-2टी 1,850 मीटर की सीमा के साथ एक टेंडम वारहेड एटीजीएम है, जिसे बीडीएएल ने एमबीडीए मिसाइल सिस्टम, फ्रांस से लाइसेंस के तहत उत्पादित किया है.
• इन मिसाइलों को जमीन से और साथ ही वाहन-आधारित लांचर से दागा जा सकता है और आक्रामक और रक्षात्मक दोनों कार्यों के लिए एंटी-टैंक रोल में तैनात किया जा सकता है. इन मिसाइलों की प्रेरण सशस्त्र बलों की परिचालन तैयारियों को और बढ़ाएगी.
मिसाइल की खासियत क्या है?
मिलान-2टी मिसाइल का इस्तेमाल साल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान हुआ था. हालांकि, उस दौरान इसे पाकिस्तानी फौजों के बंकरों को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल किया गया था. मिलान 2टी फ्रांस की एटीजीएम है. सेमी-ऑटोमेटिक कमांड टू लाइन ऑफ साइट (एसएसीएलओएस) मिलान-2टी वायर गाइडेड मिसाइल है.
इसका मतलब है कि लक्ष्य को भेदने के लिए लॉन्च युनिट को टारगेट सेट करना होगा. एमआईआरए और एमआईएलआईएस थर्मल साइट तकनीक से लैस होने की वजह से यह रात में भी लक्ष्य को भेद सकती है.
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