[ad_1]
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को साल 2025 तक भारत से ट्यूबरकुलोसिस यानी क्षय रोग को समाप्त किये जाने के अभियान में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड’ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 17 मार्च 2021 को एक बयान में कहा कि इस प्रतिष्ठित संस्था का हर्षवर्धन को अध्यक्ष बनाया जाना दुनिया से टीबी को खत्म करने के लिए भारतीय राजनीतिक इच्छाशक्ति की गौरवशाली मान्यता का प्रतीक है.
कार्यकाल तीन वर्षों का होगा
स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में हर्षवर्धन जुलाई 2021 को अपना पद संभालेंगे और उनका कार्यकाल तीन वर्षों का होगा.
स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड: एक नजर में
‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड’ एक अंतरराष्ट्रीय मंच है जो विश्वभर के विभिन्न पक्षों के साथ मिलकर टीबी के विरुद्ध संघर्ष का अभियान चलती है. मंत्रालय ने बताया कि ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप’ का गठन साल 2000 में किया गया था. इसका मुख्य उद्देश्य जन स्वास्थ्य की समस्या बन चुके ट्यूबरकुलोसिस को जड़ से खत्म करना था.
Union Health and Family Welfare Minister Dr. Harsh Vardhan (@drharshvardhan) has been appointed Chairman of the ‘Stop TB Partnership’ Board, the ministry said on Wednesday, adding that he will serve a three-year term. pic.twitter.com/0kFyEWonBF
— IANS Tweets (@ians_india)
March 17, 2021
टीबी को खत्म करने की समय सीमा
दुनिया में टीबी को खत्म करने की समय सीमा साल 2030 तय की गई है जबकि भारत ने इससे पांच वर्ष पहले 2025 तक देश से टीबी को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. सरकार की टीबी को खत्म करने की राष्ट्रीय रणनीतिक योजना 2017-2025 एक महत्वाकांक्षी एजेंडा है, जो विश्व विश्व स्वास्थ्य संगठन की विश्व से टीबी खत्म करने की रणनीति से ज्यादा प्रभावी है.
बयान में क्या कहा गया?
बयान में कहा गया है कि इसके तहत भारत में राष्ट्रीय रणनीतिक योजना के तहत उन्नत चिकित्सा पद्धतियों और प्रयासों को चलाया जा रहा है और जिसने विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों का ध्यान आकर्षित किया कि किस तरह भारत की कार्यशैली से वह लाभान्वित हो सकते हैं और सीख सकते हैं.
कोविड-19 महामारी के संदर्भ में भारत
मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 महामारी के संदर्भ में भी भारत का प्रदर्शन अच्छा रहा है, जहां स्वस्थ होने की दर 97 प्रतिशत है और मृत्यु दर दो प्रतिशत से भी कम है. इस महामारी के चलते भारत में संचारी रोगों के प्रति फिर से ध्यान देने की आवश्यकता महसूस की गई और जन स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देते हुए अब बड़ा निवेश इस क्षेत्र में किया जा रहा है.
पृष्ठभूमि
स्वास्थ्य मंत्री ने सितंबर 2019 में राष्ट्रीय टीबी प्रसार सर्वेक्षण के साथ-साथ ‘टीबी हारेगा देश जीतेगा’ नाम से एक नया और बेहद प्रभावी अभियान शुरू किया था. उसके बाद से अब तक इस अभियान से अनेक पक्षों के साथ-साथ सामुदायिक साझेदारी बढ़ी है जिससे देशव्यापी अभियान को बल मिला है.
[ad_2]
Know the Source