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भारत और कुवैत ने हाल ही में द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने हेतु संयुक्त आयोग की स्थापना का फैसला किया है. भारत और कुवैत ने भाईचारे और मित्रता के संबंधों को सुदृढ़ करने और सभी क्षेत्रों में सहयोग के तौर-तरीकों का पता लगाने के लिए संयुक्त आयोग के गठन का निर्णय लिया है.
दोनों देशों की तरफ से जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि सभी द्विपक्षीय मामलों की समीक्षा के लिए संयुक्त आयोग की बैठक नियमित रूप से बुलाई जाएगी. इसकी सहअध्यक्षता विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और कुवैत के वित्त मंत्री करेंगे.
संयुक्त आयोग की बैठक आपसी सहमति से बारी-बारी से एक दूसरे देश में आयोजित होगी. संयुक्त आयोग को दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक आधार तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. इनमें ऊर्जा, व्यापार, अर्थव्यवस्था, निवेश और मानव संसाधन जैसे क्षेत्र शामिल हैं.
Dr Ahmed Nasser Al-Mohammed Al-Sabah, Minister of Foreign Affairs and Minister of State of Cabinet Affairs of Kuwait meets External Affairs Minister (EAM) Dr S. Jaishankar at Hyderabad House in Delhi, as part of his two-day visit to India pic.twitter.com/UyWbsChaDQ
— ANI (@ANI)
March 18, 2021
भारत को कच्चे तेल और एलपीजी की आपूर्ति का कुवैत एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता है. ऐतिहासिक रूप से भारत और कुवैत के बीच महत्वपूर्ण व्यापार संबंध रहे हैं और भारत लगातार कुवैत के शीर्ष व्यापार भागीदारों में शामिल रहा है. कुवैत में लगभग 6,41,000 भारतीय रहते हैं जो दोनों देशों के संबंधों को एक महत्वपूर्ण आधार प्रदान करते हैं. भारतीय समुदाय, कुवैत में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है.
अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कुवैत की रेटिंग घटा दी है. एजेंसी ने कुवैत की कमजोर शासन व्यवस्था और नकदी की कमी को रेटिंग घटाने का आधार बनाया है. बता दें कि खाड़ी देश कुवैत कच्चे तेल की लगतार घटती कीमतों के कारण संकट में आ गया है.
भारत-कुवैत द्विपक्षीय संबंध
विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस दौरान दोनों मंत्रियों ने भारत-कुवैत द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं और क्षेत्रीय विकास कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने दोनों देशों के बीच पारंपरिक और मैत्रीपूर्ण संबंधों को और बेहतर बनाने पर चर्चा की.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि विदेश मंत्रियों के स्तर पर एक संयुक्त मंत्री आयोग की स्थापना पर एक संयुक्त बयान जारी किया गया. मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त आयोग की बैठक (जेसीएम) सभी द्विपक्षीय संस्थागत कार्यों जैसे कि विदेश कार्यालय परामर्श और संयुक्त कार्य समूहों के लिए एक छतरी की तरह काम करेगी. मंत्रालय ने बताया कि दोनों विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान विक्षिन्न क्षेत्रों के लिए नए संयुक्त कार्य समूहों का गठन करने पर बातचीत हुई.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस बैठक के दौरान हाइड्रोकार्बन, जनशक्ति (मैनपावर), गतिशीलता और स्वास्थ्य सेवा पर मौजूदा संयुक्त कार्य समूहों (जेडब्ल्यूजी) के अतिरिक्त व्यापार व निवेश और रक्षा व सुरक्षा आदि पर नए संयुक्त कार्य समूह स्थापित करने पर भी चर्चा की गई.
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